The Ultimate Guide To Shodashi

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The day is observed with fantastic reverence, as followers check out temples, offer you prayers, and engage in communal worship functions like darshans and jagratas.

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

Worshippers of Shodashi find not simply material prosperity but in addition spiritual liberation. Her grace is said to bestow the two worldly pleasures plus the implies to transcend them.

साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।

लक्ष्मीशादि-पदैर्युतेन महता मञ्चेन संशोभितं

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

Around the sixteen petals lotus, Sodhashi, who's the shape of mom is sitting with folded legs (Padmasana) gets rid of the many sins. And fulfils every one of the wishes along with her 16 kinds of arts.

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा

लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः

संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi

इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।

, get more info the creeper goddess, inferring that she's intertwined along with her legs wrapped close to and embracing Shiva’s legs and entire body, as he lies in repose. As being a digbanda, or protective force, she policies the northeastern direction from whence she presents grace and safety.

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